Thoughts are like that awesome air, can feel but can never explain.
Wednesday, February 11, 2009
एक हज़ार कवितायेँ
एक हज़ार कवितायेँ मेरी सभी तुम्हें बुलाती हैं तुम नही आती हो यह कितना शोर मचाती हैं ऐतराज़ तुम्हें भला इन से क्या? क्या यह तुम्हें अब भी मेरी याद दिलाती हैं?
No comments:
Post a Comment