Wednesday, July 28, 2010

Under the Flyover

She looked into his eyes and said - we are such similar creatures, you and I, aren’t we?

No, we are not - he replied, much to her surprise, then looking away at the passing bus, he said - you are lost, while I am abandoned.

Monday, July 26, 2010

आज

आज जो खरीदे नए जूते, तोह कल के वोह फटे हुए मोजे याद आये
अमीरी के दिनों में, वोह गरीबी के दिन बोहत याद आये

मैं सोचता था की मैं नहीं बदलूँगा
मगर उस उभरते चेहरे में, हम कहीं नज़र नहीं आये

बादल हटे तोह जाना की हम आसमा में हैं
वरना ज़मीन पे इस कदर मजबूर, तुम्हारे पास हम कभी नहीं आये

Thursday, July 15, 2010


एक बात

दूर तलक जाती तोह है
मगर सुनाई नहीं देती
मेरी आवाज़ है तोह बुलंद
बस असर नहीं करती...

राहों के कांटे अब
जूतों की खाल बन चुके हैं
तेज़ रफ़्तार तोह है मेरे पास
बस कहीं ले नहीं जाती...

आँखें मूँद लेता हूँ
कभी किस्मत पे हस लेता हूँ
दिल तोह बेहेल जाता है इन तरकीबों से
बस नींद नहीं आती...