Saturday, November 08, 2008

रात यूं दिल में तेरी खोयी हु’ई याद आई
इजैसे वीराने में चुपके से बहार आ जाए
जैसे सहराओं में हौले से चले बाद-ऐ-नसीम
जैसे बीमार को बे-वजह करार आ जाए

No comments: